संगत में शुद्ध विचार और पंगत में शुद्ध आहार न हो तो छोड़ देने में ही बुद्धिमानी है।
वक्त कम है, जितना दम है लगा दो, कुछ लोगों को मैं जगाता हूँ, कुछ को तुम जगा दो!
समाज की सेवा करने का अवसर हमें अपना ऋण चुकाने का मौका देता है।
समाज सेवा लोकप्रियता का जरिया नहीं , सुख बाँटने का आधार है।
वो बदलाव खुद में लाइए जिसे आप समाज में देखना चाहते हैं।
हम बदले की नहीं , बल्कि बदलाव की मानसिकता अपनाएं।
संसार में सबसे बड़े अधिकार सेवा और त्याग से ही मिलते हैं।
चरित्रवान व्यक्ति देश, राज्य और समाज का गौरव होता है।
धन और वस्तुओं को इतना महत्व न दीजिए जो मानवता का महत्व ही न रहे।
जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर है।

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